EPFO सदस्य के परिवार को 1500000 रुपये सरकार द्वार दिये जा रहे हैं आवेदन कैसे करें EPFO Member Scheme

EPFO सदस्य की मृत्यु होने पर उसके परिवार या नॉमिनी को कर्मचारी कल्याण निधि से 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू हुई है. इसके अलावा, एम्प्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) योजना के तहत भी एक बीमा राशि मिलती है, जो सदस्य की अंतिम सैलरी के आधार पर अधिकतम 7 लाख रुपये तक हो सकती है
EPFO Scheme सदस्य की मृत्यु होने पर फंड (Death Relief Fund):
- 1 अप्रैल 2025 के बाद किसी ईपीएफओ सदस्य की मृत्यु होने पर, उसके परिवार को कर्मचारी कल्याण निधि से 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलती है.
- यह राशि सदस्य के नामित व्यक्ति या कानूनी वारिस को दी जाती है.
निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को जीवन बीमा के लाभ प्रदान करने के लिए, सरकार ने 1976 में कर्मचारी जमा सहबद्ध बीमा योजना (EDLI) शुरू की थी। 28.04.2021 से, ईपीएफओ ने मृतक सदस्य के पंजीकृत नामांकित व्यक्तियों के लिए अधिकतम लाभ को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया है।
EPFO ईपीएफओ का मतलब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन है, जो भारत सरकार का एक सांविधिक संगठन है और भारत के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा संगठनों में से एक है. इसका उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि, पेंशन और बीमा के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है. यह कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत काम करता है और केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा प्रबंधित किया जाता है.
मुख्य बातें:
- स्थापना:ईपीएफओ की स्थापना कर्मचारी भविष्य निधि अध्यादेश, 1951 के तहत की गई थी, जिसे बाद में कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1952 ने प्रतिस्थापित किया.
- कार्यप्रणाली:यह श्रम और रोजगार मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है.
- उद्देश्य:इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि (प्रोविडेंट फंड), पेंशन और बीमा योजनाएं चलाना है, ताकि उन्हें सेवानिवृत्ति या अन्य विशेष परिस्थितियों में आर्थिक सुरक्षा मिल सके.
- प्रबंधन:ईपीएफओ का प्रबंधन एक त्रिपक्षीय बोर्ड द्वारा किया जाता है जिसमें सरकार, नियोक्ता और कर्मचारी के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, जिसे केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) कहा जाता है.
- प्रदान की जाने वाली योजनाएं:ईपीएफओ तीन मुख्य योजनाओं का प्रबंधन करता है:
- कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952
- कर्मचारी पेंशन योजना (EPS), 1995
- कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा (EDLI) योजना, 1976
- सदस्यों का प्रबंधन:यह भारत भर में अपने सदस्यों के लिए लाखों खातों का प्रबंधन करता है.
यह कैसे काम करता है:
- कर्मचारी और नियोक्ता दोनों वेतन का एक निश्चित प्रतिशत ईपीएफ खाते में जमा करते हैं.
- इस जमा राशि पर ब्याज मिलता है और यह राशि सेवानिवृत्ति पर या विशेष परिस्थितियों में कर्मचारी को उपलब्ध कराई जाती है.
- यह कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है.
ESI योजना क्या है
EPFO (कर्मचारी राज्य बीमा) भारत में कर्मचारियों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसे कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के तहत शुरू किया गया था. यह योजना कार्य-संबंधी बीमारियों, चोटों, मातृत्व या मृत्यु की स्थिति में कर्मचारियों को वित्तीय और चिकित्सा सहायता प्रदान करती है. इसका प्रबंधन कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) करता है
मुख्य बातें:
- उद्देश्य:कर्मचारियों को बीमारी, मातृत्व, विकलांगता और काम से संबंधित मृत्यु या चोट के दौरान चिकित्सा देखभाल और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना.
- प्रशासक:इस योजना का प्रबंधन कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा किया जाता है, जो श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है.
- पात्रता:यह योजना मुख्य रूप से संगठित क्षेत्र के उन कर्मचारियों के लिए है जिनकी मासिक आय एक निश्चित सीमा से कम है, जो लगभग ₹21,000 (विकलांग कर्मचारियों के लिए ₹25,000) तक होती है.
- लाभ:
- बीमारी या चोट की स्थिति में चिकित्सा उपचार.
- मातृत्व लाभ (महिला कर्मचारियों के लिए).
- कार्य-संबंधी चोट लगने या मृत्यु होने पर विकलांगता लाभ और आश्रितों के लिए पेंशन.
- बेरोजगारी की कुछ आकस्मिकताओं में नकद लाभ.
- आश्रितों के लिए वित्तीय सहायता और अंत्येष्टि व्यय.
- सेवाएं:ईएसआई अस्पतालों और औषधालयों के एक नेटवर्क के माध्यम से चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती हैं.
जानकारी
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writer :- Amit Kumar
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