बिहार, जो भारत की राजनीतिक धरती पर हमेशा से एक विशेष स्थान रखता है, एक बार फिर चुनावी माहौल में डूब चुका है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर पूरे प्रदेश में हलचल तेज़ हो गई है। इस बार का चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि राज्य की दिशा और दशा तय करने का प्रतीक माना जा रहा है।
मुख्य मुकाबला एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन (RJD-Congress-Left) के बीच होने की उम्मीद है।
🔹 चुनाव की तारीखें और कार्यक्रम
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान किया है —
| चरण | मतदान की तारीख | क्षेत्र | मतगणना |
|---|---|---|---|
| पहला चरण | 6 नवंबर 2025 | मगध, सहरसा, पूर्णिया, दरभंगा | 2 दिसंबर 2025 |
| दूसरा चरण | 11 नवंबर 2025 | पटना, भोजपुर, गया, भागलपुर | 2 दिसंबर 2025 |
👉 इस बार कुल 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे, जिनमें 38 आरक्षित सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए निर्धारित हैं।
🔹 प्रमुख राजनीतिक दल और उम्मीदवार
बिहार की राजनीति में इस बार भी वही पुराने चेहरे नज़र आएंगे, लेकिन कुछ नए गठबंधन और दावेदार भी मैदान में हैं।
1. राष्ट्रीय जनता दल (RJD)
- नेता: तेजस्वी यादव
- गठबंधन: महागठबंधन (RJD-Congress-Left)
- प्रमुख वादे:
- 10 लाख सरकारी नौकरियाँ
- किसानों के लिए कर्ज़ माफी
- युवाओं के लिए बेरोज़गारी भत्ता ₹2000 मासिक
2. भारतीय जनता पार्टी (BJP)
- नेता: सम्राट चौधरी (संभावित CM चेहरा)
- गठबंधन: NDA
- प्रमुख वादे:
- हर जिले में मेडिकल कॉलेज
- महिला सशक्तिकरण योजना
- “स्मार्ट बिहार” डिजिटल अभियान
3. जदयू (Janata Dal United)
- नेता: नीतीश कुमार
- गठबंधन: NDA (लेकिन अंदरूनी असंतोष की चर्चा जारी)
- प्रमुख वादे:
- “हर घर नल का जल” योजना का विस्तार
- शिक्षा और सड़क विकास पर ज़ोर
4. कांग्रेस पार्टी
- गठबंधन: RJD के साथ
- फोकस: महिला सुरक्षा, बेरोज़गारी और शिक्षा सुधार
🔹 जनता के मुद्दे
इस बार के चुनाव में जातीय समीकरणों से ज़्यादा ध्यान विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर है।
बिहार के ग्रामीण इलाकों में अब भी बुनियादी सुविधाओं की कमी है।
मुख्य मुद्दे:
- बेरोज़गारी दर: 13.5% (देश में सबसे अधिक)
- शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता
- कृषि पर निर्भरता
- प्रवासी मजदूरों की स्थिति
- भ्रष्टाचार और प्रशासनिक ढीलापन
🔹 सोशल मीडिया और युवा शक्ति
2025 का चुनाव अब केवल रैलियों तक सीमित नहीं रहा।
Instagram, X (Twitter), YouTube और WhatsApp ग्रुप्स पर हर पार्टी अपनी रणनीति बना रही है।
RJD ने “नया बिहार, तेजस्वी सरकार” नारा दिया है जबकि BJP ने “विकसित बिहार, आत्मनिर्भर भारत” स्लोगन को प्रमोट किया है।
🔹 महिला मतदाताओं की भूमिका
बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।
इस बार महिला वोटर प्रतिशत 48.9% तक पहुंच गया है, जो चुनावी परिणामों में निर्णायक साबित हो सकता है।
सरकार की लाडली योजना, साइकिल योजना और स्वच्छता मिशन ने महिला वर्ग में जागरूकता बढ़ाई है।
🔹 राजनीतिक समीकरण और संभावित परिणाम
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार —
| गठबंधन | अनुमानित सीटें (पूर्व सर्वे अनुसार) |
|---|---|
| NDA | 118–130 |
| महागठबंधन | 100–110 |
| अन्य (LJP, AIMIM, IND) | 5–10 |
हालांकि, जनता का मूड अंतिम समय तक अनिश्चित रहता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में RJD की पकड़ मज़बूत मानी जा रही है, जबकि शहरी इलाकों में BJP और JDU की पैठ गहरी है।
🔹 चुनावी माहौल
बिहार के लगभग हर जिले में पोस्टर-बैनर, रोड शो और जनसभाएं देखने को मिल रही हैं।
चुनाव आयोग ने इस बार ई-वोटिंग और डिजिटल प्रचार की नई गाइडलाइन जारी की है ताकि नकदी और शराब वितरण पर रोक लगाई जा सके।
🔹 युवाओं की उम्मीदें
राज्य के 18 से 35 वर्ष के युवाओं की पहली प्राथमिकता रोजगार और शिक्षा है।
कई युवा कहते हैं —
“अब हमें जाति नहीं, नौकरी चाहिए।”
यही भावना इस चुनाव का सबसे बड़ा बदलाव मानी जा रही है।
🔹 नतीजों के बाद की संभावनाएं
अगर NDA जीतता है तो सम्राट चौधरी या नीतीश कुमार में से कोई एक मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
वहीं, अगर महागठबंधन को बहुमत मिलता है तो तेजस्वी यादव राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री बनेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 सिर्फ एक राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि राज्य की नई सोच और भविष्य की दिशा तय करने वाला चुनाव है।
जनता अब बदलाव चाहती है — न केवल नेताओं में, बल्कि शासन की सोच में भी।
कौन बनेगा मुख्यमंत्री, यह तो 2 दिसंबर को मतगणना के बाद ही तय होगा, लेकिन इतना तय है कि बिहार की जनता इस बार अपना भविष्य सोच-समझकर तय करेगी।