उत्तर प्रदेश सरकार ने समाज के सबसे मेहनती और जरूरी वर्ग — सफाईकर्मियों (Sanitation Workers) — के हित में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि अब से राज्य के सभी सफाईकर्मियों को दुर्घटना या ड्यूटी के दौरान मृत्यु की स्थिति में ₹40 लाख तक का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा, हर सफाईकर्मी को ₹5 लाख का स्वास्थ्य बीमा कवर भी मिलेगा।
यह फैसला न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह योगी सरकार की “सम्मान और सुरक्षा दोनों” की नीति को भी मजबूत करता है।
📅 घोषणा का अवसर
यह ऐतिहासिक घोषणा महर्षि वाल्मीकि जयंती (8 अक्टूबर 2025) के अवसर पर की गई।
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हजारों सफाईकर्मियों और नगर निगम कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा —
“स्वच्छता योद्धा समाज के वास्तविक नायक हैं। उनकी सुरक्षा और सम्मान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। कोई भी सफाईकर्मी अब अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने से नहीं डरेगा — राज्य सरकार उनके परिवार के साथ खड़ी है।”
💰 क्या है नई मुआवजा योजना?
योगी सरकार द्वारा घोषित नई नीति के तहत सफाईकर्मियों के लिए निम्नलिखित सुविधाएँ लागू की जा रही हैं:
| क्रमांक | सुविधा / प्रावधान | विवरण |
|---|---|---|
| 1️⃣ | मृत्यु पर मुआवजा राशि | ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर ₹40,00,000 की सहायता राशि |
| 2️⃣ | गंभीर चोट पर सहायता | स्थायी विकलांगता या गंभीर चोट पर ₹10,00,000 का मुआवजा |
| 3️⃣ | स्वास्थ्य बीमा योजना | सभी सफाईकर्मियों को ₹5,00,000 का स्वास्थ्य बीमा (परिवार सहित) |
| 4️⃣ | सेवा सम्मान निधि | हर वर्ष 2 अक्टूबर को उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मियों को ₹1,00,000 का पुरस्कार |
| 5️⃣ | बच्चों की शिक्षा सहायता | सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की शिक्षा मुफ्त और छात्रवृत्ति ₹25,000 तक |
🏛️ योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है —
- सफाईकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना,
- उनके परिवार को आर्थिक सहारा देना,
- सम्मान और गरिमा के साथ उनके कार्य की पहचान करवाना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “सफाईकर्मी केवल सफाई नहीं करते, बल्कि समाज को स्वस्थ और सुरक्षित रखते हैं।”
🧑🔧 किसे मिलेगा लाभ?
यह योजना निम्नलिखित सभी वर्गों पर लागू होगी:
- नगर निगम, नगर पंचायत, नगर पालिका के नियमित सफाई कर्मचारी
- संविदा (Contract) पर कार्यरत सफाईकर्मी
- निजी कंपनियों के माध्यम से नगर निकाय में नियुक्त कर्मचारी
- सीवर, नाले और कचरा प्रबंधन में लगे मजदूर
- ठेका प्रणाली के तहत कार्यरत अस्थायी सफाई कर्मचारी
राज्य सरकार ने कहा है कि कोई भी सफाईकर्मी वंचित नहीं रहेगा — सभी का डेटा ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
🧾 पंजीकरण प्रक्रिया
सरकार ने एक नया पोर्टल लॉन्च किया है — “Swachh Sainik Portal”, जहाँ सफाईकर्मियों को स्वयं या अपने विभाग के माध्यम से पंजीकरण करना होगा।
पंजीकरण के चरण:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: https://swachhsainik.up.gov.in
- “नया पंजीकरण करें” पर क्लिक करें
- नाम, कर्मचारी कोड, नगर निगम, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड अपलोड करें
- बैंक खाता विवरण भरें
- सबमिट करने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त करें
🧠 योजना की पृष्ठभूमि
पिछले कुछ वर्षों में सीवर या ड्रेनेज की सफाई करते समय दुर्घटनाओं और दम घुटने से होने वाली मौतों की घटनाएँ कई बार सामने आई हैं।
2023–2024 में उत्तर प्रदेश में ही लगभग 73 सफाईकर्मियों की जान गई, जिनमें से अधिकांश अनुबंध पर कार्यरत थे।
इन घटनाओं ने राज्य सरकार को गहराई से प्रभावित किया और योगी सरकार ने संकल्प लिया कि अब कोई भी सफाईकर्मी बिना सुरक्षा उपकरणों के सीवर या ड्रेनेज में नहीं उतरेगा।
🧤 सुरक्षा व्यवस्था में सुधार
सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निकाय अब अपने कर्मचारियों को निम्नलिखित सुरक्षा उपकरण (Safety Kits) उपलब्ध कराएँ:
| उपकरण | उपयोग |
|---|---|
| हेलमेट | सिर की सुरक्षा |
| ऑक्सीजन सिलेंडर | सीवर में दम घुटने से बचाव |
| रबर ग्लव्स और सूट | संक्रमण और केमिकल से सुरक्षा |
| बूट और मास्क | शरीर और फेफड़ों की रक्षा |
| जीपीएस ट्रैकिंग बेल्ट | कर्मचारी की स्थिति ट्रैक करने के लिए |
📊 योजना का वित्तीय प्रावधान
इस योजना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रारंभिक रूप से ₹500 करोड़ का बजट आवंटित किया है।
वित्त विभाग के अनुसार, यह राशि अगले दो वर्षों तक चरणबद्ध रूप से बढ़ाई जाएगी।
- 2025-26 में ₹250 करोड़
- 2026-27 में ₹250 करोड़ अतिरिक्त
- बीमा कंपनियों के साथ PPP मॉडल (Public Private Partnership) में समझौता किया गया है ताकि योजना टिकाऊ रहे।
🗣️ मुख्यमंत्री योगी का बयान
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा —
“हमारा लक्ष्य है कि सफाईकर्मी का बच्चा भी डॉक्टर, इंजीनियर या अधिकारी बने। सफाईकर्मी समाज का अभिन्न हिस्सा हैं, उनकी सुरक्षा, शिक्षा और सम्मान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने आगे कहा —
“जो लोग नालियों में उतरकर समाज को स्वच्छ रखते हैं, उनके लिए सरकार अब ‘स्वच्छ सैनिक सम्मान योजना’ के तहत हर सुविधा सुनिश्चित करेगी।”
🏙️ नगर निकायों की जिम्मेदारी
योगी सरकार ने सभी नगर निगमों को निर्देश दिया है कि:
- प्रत्येक कर्मचारी की सुरक्षा बीमा पॉलिसी का रिकॉर्ड रखा जाए।
- दुर्घटना या मृत्यु की स्थिति में 72 घंटे के भीतर मुआवजा जारी किया जाए।
- सुरक्षा मानकों का पालन न करने वाले ठेकेदारों पर जुर्माना लगाया जाए।
- मृतक कर्मचारी के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की प्राथमिकता दी जाए।
🧑🏫 विशेषज्ञों की राय
डॉ. एस.पी. मिश्र (सामाजिक विश्लेषक)
“यह योजना सफाईकर्मियों के सम्मान की दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि इसे ईमानदारी से लागू किया गया तो सामाजिक असमानता में कमी आएगी।”
प्रो. मंजुला त्रिवेदी (लखनऊ यूनिवर्सिटी)
“इतिहास में पहली बार किसी राज्य सरकार ने सफाईकर्मियों के लिए इतनी बड़ी वित्तीय सुरक्षा दी है। यह सामाजिक न्याय का वास्तविक उदाहरण है।”
💬 सफाईकर्मियों की प्रतिक्रिया
गोरखपुर नगर निगम के सफाईकर्मी रामअवतार यादव कहते हैं —
“पहले डर लगता था कि अगर कुछ हो गया तो परिवार का क्या होगा। अब सरकार ने हम गरीबों का मनोबल बढ़ाया है।”
कानपुर नगर पालिका की रेणु बाई कहती हैं —
“बीमा और मुआवजा तो अच्छा है, लेकिन हमें काम के समय सही सुरक्षा उपकरण भी मिलने चाहिए। तब ही यह योजना पूरी तरह सफल होगी।”
🌍 अन्य राज्यों के लिए उदाहरण
उत्तर प्रदेश का यह फैसला अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बन सकता है।
- दिल्ली सरकार ने 2024 में ₹10 लाख मुआवजा घोषित किया था।
- महाराष्ट्र में केवल ₹5 लाख की सहायता मिलती है।
- लेकिन यूपी में ₹40 लाख का प्रावधान देश में सबसे अधिक है।
इससे उम्मीद है कि अन्य राज्य भी इसी तरह की नीतियाँ लागू करेंगे।
🔍 योजना से जुड़े प्रमुख तथ्य
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| योजना का नाम | स्वच्छ सैनिक सुरक्षा एवं सम्मान योजना |
| लागू राज्य | उत्तर प्रदेश |
| घोषणा तिथि | 8 अक्टूबर 2025 |
| लाभार्थी | सभी सफाईकर्मी |
| बीमा राशि | ₹5 लाख (परिवार सहित) |
| दुर्घटना मुआवजा | ₹40 लाख |
| आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से |
| संपर्क हेल्पलाइन | 1800-180-5555 |
📢 आगे की रूपरेखा
1️⃣ नवंबर 2025 से पंजीकरण शुरू
2️⃣ दिसंबर से बीमा कार्ड वितरण
3️⃣ जनवरी 2026 से मुआवजा भुगतान प्रक्रिया
4️⃣ हर 6 महीने में योजना की समीक्षा रिपोर्ट
5️⃣ वर्ष 2026 में लाभार्थियों की सूची सार्वजनिक की जाएगी

योगी सरकार की यह पहल न केवल आर्थिक सुरक्षा देती है, बल्कि सम्मान, आत्मविश्वास और गरिमा का प्रतीक भी है।
यह योजना उस सोच का परिचायक है जो समाज के सबसे नीचे तबके को ऊपर उठाने का प्रयास कर रही है।
“सफाईकर्मी केवल झाड़ू नहीं चलाते, बल्कि वे समाज को जीवित रखते हैं। उनकी मुस्कान ही वास्तविक स्वच्छ भारत का प्रतीक है।”