लखनऊ के रामाबाई अंबेडकर मैदान में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की ओर से एक ऐतिहासिक रैली आयोजित की गई, जिसने उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। पार्टी की मुखिया सुश्री मायावती ने इस रैली में लाखों समर्थकों के सामने अपनी रणनीति और आगामी विधानसभा चुनाव 2027 के लिए विज़न पेश किया।
यह रैली सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं थी, बल्कि बीएसपी के पुनरुत्थान और बहुजन समाज के एकजुट होने की नई शुरुआत के रूप में देखी जा रही है।
🌍 रैली का दृश्य – भीड़ और जोश से गूंजा लखनऊ
सुबह से ही प्रदेश के कोने-कोने से बीएसपी समर्थकों का हुजूम लखनऊ की ओर बढ़ चला।
रेल, बस, ट्रक और निजी वाहनों से लदे लाखों कार्यकर्ता नीले झंडे और कांशीराम-मायावती के पोस्टर लेकर पहुंचे।
रामाबाई मैदान पूरा नीला नजर आ रहा था — मंच पर बड़े अक्षरों में लिखा था:
“बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय – मिशन 2027।”
पार्टी के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह था। युवाओं, महिलाओं, दलित समाज, पिछड़ों और अल्पसंख्यक वर्ग की बड़ी संख्या ने हिस्सा लिया।
👩⚖️ मायावती का संबोधन – “बीएसपी फिर बनेगी सत्ता का केंद्र”
मंच पर पहुंचते ही मायावती का स्वागत जयभीम के नारों और फूलों की वर्षा से हुआ।
उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और कांशीराम को नमन कर की।
मायावती ने कहा:
“आज देश और प्रदेश की राजनीति पूंजीपतियों के इशारे पर चल रही है। लेकिन बहुजन समाज पार्टी ऐसी ताकत है जो गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज की सच्ची आवाज़ है। 2027 में उत्तर प्रदेश में फिर से बहुजन समाज की सरकार बनेगी।”
उन्होंने अपने भाषण में बीजेपी और सपा दोनों पर तीखा हमला बोला और कहा कि दोनों पार्टियां केवल वोट बैंक की राजनीति करती हैं, जबकि बीएसपी सामाजिक न्याय और समान अवसर की बात करती है।
🧭 2027 का लक्ष्य – “बहुजन मिशन को फिर से मजबूत करना”
मायावती ने साफ कहा कि आने वाले 2027 विधानसभा चुनाव में बीएसपी अकेले दम पर मैदान में उतरेगी।
उन्होंने कहा कि पार्टी अब किसी गठबंधन की मोहताज नहीं रहेगी।
“हम गठबंधन की राजनीति से बाहर निकलकर संगठन को मजबूत करेंगे। बूथ स्तर तक बहुजन समाज पार्टी की पकड़ बढ़ाई जाएगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले महीनों में हर जिले में “बहुजन मिशन जागरूकता यात्रा” निकाली जाएगी, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता लोगों से सीधा संवाद करेंगे।
🧑🤝🧑 भीड़ में युवा और महिलाएं – बीएसपी का नया चेहरा
रैली की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि इस बार महिलाओं और युवाओं की भागीदारी पहले से कहीं ज्यादा थी।
मायावती ने अपने भाषण में कहा:
“मैं चाहती हूँ कि बहुजन समाज की महिलाएं राजनीति में आगे आएं, पंचायत से लेकर संसद तक अपनी भागीदारी निभाएं।”
उन्होंने महिलाओं के लिए अलग संगठनात्मक मोर्चा बनाने का ऐलान किया और कहा कि अगले चुनाव में बीएसपी 33% टिकट महिलाओं को देगी।
🏛️ सुरक्षा व्यवस्था – 2100 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात
लखनऊ पुलिस प्रशासन ने इस रैली के लिए 2100 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 30 कंपनी पीएसी, ड्रोन कैमरे, और महिला सुरक्षा स्क्वॉड लगाए गए।
ट्रैफिक के लिए लखनऊ पुलिस ने विशेष रूट चार्ट जारी किया था।
रैली में शांति बनाए रखने के लिए बीएसपी के स्वयंसेवकों ने भी व्यवस्था संभाली।
📣 मंच से उठे मुख्य मुद्दे
रैली में मायावती और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर ज़ोर दिया —
- समान शिक्षा नीति – सरकारी स्कूलों को प्राइवेट के बराबर सुविधाएँ देना।
- गरीबों के लिए फ्री मेडिकल सुविधा – हर ब्लॉक में बहुजन मेडिकल सेंटर की योजना।
- महिला सुरक्षा और रोज़गार – “मिशन शक्ति” को बीएसपी मॉडल में बदलने का प्रस्ताव।
- किसान अधिकार – MSP कानून को लागू करने और कर्ज़ माफी की मांग।
- दलित अत्याचार पर सख्त कानून – SC/ST एक्ट को और मज़बूत बनाने की बात।
💬 कार्यकर्ताओं के जोश भरे नारे
पूरे मैदान में नारे गूंज रहे थे —
“जय भीम! जय भारत!”
“बहुजन की आवाज़ – मायावती के साथ!”
“हमारा वोट – हमारी सरकार!”
“दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक – सबका एक मंच, बीएसपी सबसे मजबूत!”
🏆 बीएसपी का इतिहास और संघर्ष
बहुजन समाज पार्टी की स्थापना 1984 में कांशीराम ने की थी।
मायावती ने इस पार्टी को गांव-गांव तक पहुँचाया।
2007 में बीएसपी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी, जो यूपी की राजनीति में एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी।
मायावती ने अपने कार्यकाल में लखनऊ अंबेडकर पार्क, दलित प्रेरणा स्थल, और योजना भवन जैसी परियोजनाएँ शुरू कीं, जो आज भी पहचान बनी हुई हैं।
🗳️ 2027 की तैयारी – संगठन की नई रणनीति
रैली में पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, मुकुल उपाध्याय, और अन्य नेताओं ने कहा कि इस बार बीएसपी अपने बूथ कमेटियों को तकनीकी रूप से सशक्त बना रही है।
- हर विधानसभा क्षेत्र में “बीएसपी डिजिटल टीम” बनाई जाएगी।
- सोशल मीडिया पर “Mission 2027 – Behenji Again” नाम से अभियान शुरू किया गया है।
- हर जिले में प्रशिक्षण शिविर आयोजित होंगे।
💡 राजनीतिक विश्लेषण – बीएसपी की रैली का असर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह रैली बीएसपी के लिए “कमबैक मूवमेंट” साबित हो सकती है।
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार राकेश शर्मा के अनुसार —
“इस रैली ने यह साबित किया है कि बीएसपी का वोट बैंक अभी भी मौजूद है। बस जरूरत है मजबूत संगठनात्मक रणनीति और नए नेतृत्व प्रशिक्षण की।”
📊 रैली में भीड़ का अनुमान (सारणी)
| श्रेणी | अनुमानित संख्या |
|---|---|
| कुल उपस्थित लोग | लगभग 8 लाख |
| महिला प्रतिभागी | 2.5 लाख |
| युवा कार्यकर्ता | 3 लाख |
| बसों की संख्या | 1,800 |
| पुलिस बल | 2,100 अधिकारी व जवान |
🌾 किसानों और ग्रामीणों का समर्थन
इस रैली में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।
कई किसान संगठनों ने कहा कि बीएसपी ही एकमात्र पार्टी है जो किसानों की कर्ज़ माफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कानून की मांग को खुलकर उठाती है।
सोशल मीडिया पर #BSPRallyLucknow और #Mayawati2027 ट्रेंड करने लगे।

लखनऊ की यह रैली बीएसपी के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है।
मायावती ने यह दिखा दिया है कि बीएसपी आज भी उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक निर्णायक ताकत है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में बीएसपी अपनी नीतियों और संगठन के जरिए कितनी मजबूती से जनता के बीच उतरती है।