राजस्थान के रेगिस्तानी जिले जैसलमेर में सोमवार दोपहर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब यात्रियों से भरी एक निजी बस में अचानक आग लग गई।
यह हादसा इतना भयावह था कि कुछ ही मिनटों में पूरी बस आग के गोले में तब्दील हो गई।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, इस दुर्घटना में 10 से 12 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई यात्री गंभीर रूप से झुलस गए हैं।
स्थानीय प्रशासन, दमकल विभाग और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया।
📍 कहाँ और कब हुआ हादसा
यह घटना राजस्थान के जैसलमेर जिले के थईयात (Thaiyat) गाँव के पास हुई।
बस जैसलमेर से जोधपुर जा रही थी, और हादसा दोपहर लगभग 3 बजे के आसपास हुआ।
बस में करीब 55 से 60 यात्री सवार थे। बताया जा रहा है कि बस जैसे ही थईयात गाँव के पास पहुँची, उसके इंजन के पिछले हिस्से से धुआँ निकलना शुरू हुआ, और कुछ ही पलों में पूरी बस आग की लपटों में घिर गई।
🔥 कैसे लगी आग
प्रारंभिक जांच में यह माना जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट या इंजन ओवरहीटिंग के कारण लगी हो सकती है।
कुछ चश्मदीद यात्रियों ने बताया कि उन्होंने बस के अंदर जलने की रबर और डीजल जैसी गंध महसूस की थी, जिसके बाद चालक ने वाहन रोकने की कोशिश की।
लेकिन तब तक आग बहुत तेज़ी से फैल चुकी थी, और यात्री दहशत में इधर-उधर भागने लगे।
🧍♂️ यात्रियों की स्थिति
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक —
- लगभग 10 से 12 लोगों की मौके पर मौत हो गई।
- 20 से अधिक यात्री झुलस गए, जिनमें से कुछ की हालत नाज़ुक बताई जा रही है।
- घायलों को तुरंत जैसलमेर के जवाहर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- गंभीर रूप से झुलसे यात्रियों को जोधपुर एम्स (AIIMS) रेफर किया गया है।
🚒 बचाव अभियान कैसे चला
घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग, पुलिस बल और स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे।
ग्रामीणों ने शीशे तोड़कर यात्रियों को बाहर निकालने की कोशिश की।
सेना के जवान, जो पास के कैंट क्षेत्र में तैनात थे, उन्होंने भी राहत कार्य में मदद की।
करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक बस लगभग पूरी तरह जल चुकी थी।
🧯 दमकल विभाग और प्रशासन की प्रतिक्रिया
दमकल अधिकारी ने बताया —
“बस में लगी आग बेहद भीषण थी। फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियों ने करीब 50 मिनट की कोशिश के बाद लपटों पर नियंत्रण पाया। आग लगने का सटीक कारण तकनीकी जांच के बाद ही पता चलेगा।”
जैसलमेर के जिला कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन ने आपातकालीन राहत शिविर स्थापित किए हैं, और मृतकों के परिजनों को सरकारी मुआवज़ा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
💬 चश्मदीदों ने क्या बताया
एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया —
“हमने देखा कि बस के पिछले हिस्से से धुआँ उठ रहा था। कुछ ही मिनटों में आग फैल गई और लोग चीखते-चिल्लाते बाहर निकलने लगे। कई यात्री बस से कूदे, जिससे उन्हें चोटें आईं। कुछ लोग बाहर निकलने में देर कर गए और वे लपटों में फँस गए।”
🕵️♀️ प्रशासनिक जांच
- पुलिस ने इस मामले में फॉरेंसिक टीम को बुलाया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आग का कारण तकनीकी था या लापरवाही का नतीजा।
- बस ऑपरेटर और चालक से भी पूछताछ की जा रही है कि क्या वाहन में नियमित फिटनेस चेक और फायर सेफ्टी उपकरण मौजूद थे या नहीं।
- परिवहन विभाग ने सभी निजी बस ऑपरेटरों को वाहन सुरक्षा की पुन: जांच के आदेश दिए हैं।
⚖️ संभावित कारण और लापरवाही के बिंदु
- इंजन में तकनीकी खराबी या शॉर्ट सर्किट।
- फायर एक्सटिंग्विशर का अभाव।
- इमरजेंसी एक्ज़िट सही से काम न करना।
- डीजल लीक या इलेक्ट्रिक वायरिंग में दोष।
यदि ये शुरुआती कारण सही साबित होते हैं, तो यह मानव-जनित लापरवाही मानी जाएगी, और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई संभव है।
🩸 मृतकों के परिजनों के लिए मुआवज़ा
राजस्थान सरकार ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों को
₹5 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा —
“जैसलमेर बस हादसा अत्यंत दुखद है। प्रशासन को त्वरित राहत और बचाव के निर्देश दिए गए हैं। घायल यात्रियों को हरसंभव चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है।”
🙏 भावनात्मक माहौल
पूरा जैसलमेर जिला इस दर्दनाक हादसे से स्तब्ध है।
अस्पतालों में मृतकों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है।
स्थानीय लोगों ने रक्तदान शिविर लगाकर घायलों की मदद करने की पहल शुरू की है।
सोशल मीडिया पर भी लोग इस घटना पर शोक व्यक्त कर रहे हैं और सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
🧭 भविष्य के लिए सीख
यह हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि —
- सार्वजनिक वाहनों की तकनीकी जांच समय पर होनी चाहिए।
- हर बस में फायर एक्सटिंग्विशर और इमरजेंसी एक्जिट होना आवश्यक है।
- ड्राइवर और कंडक्टर को आपातकालीन प्रशिक्षण (Emergency Training) दिया जाना चाहिए।
इन नियमों की अनदेखी से निर्दोष यात्रियों की जान जाती है।

🕊️ निष्कर्ष
जैसलमेर बस हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि चेतावनी है कि सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक परिवहन में सुधार की कितनी ज़रूरत है।
दस से अधिक निर्दोष लोगों की जान चली गई, कई घायल जीवन-मृत्यु से लड़ रहे हैं।
सरकार और समाज दोनों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह के हादसे दोबारा न हों।