पाकिस्तान एक बार फिर से राजनीतिक और सैन्य उथल-पुथल के बीच है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के हालिया बयान ने पूरे दक्षिण एशिया के भू-राजनीतिक माहौल को हिला दिया है। उन्होंने तालिबान के हालिया हमलों के पीछे भारत की भूमिका का संकेत दिया है और चेतावनी दी है कि पाकिस्तान अब “टू फ्रंट वॉर” (दो मोर्चों पर जंग) की तैयारी में है।
इस बयान के बाद पाकिस्तान में गरमागरम बहस छिड़ गई है — मीडिया से लेकर संसद तक, हर जगह “हॉट टॉक” जारी है।
🔥 क्या कहा शहबाज शरीफ ने?
एक सुरक्षा बैठक में बोलते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि
“हमारे खिलाफ तालिबान की हालिया कार्रवाई किसी आतंरिक असंतोष का परिणाम नहीं है, बल्कि इसके पीछे बाहरी हाथ हैं — और इसमें भारत की शह दिखाई दे रही है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान की सेना और सरकार अब किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं, चाहे वह अफगान सीमा पर तालिबान की चुनौती हो या पूर्वी सीमा पर भारत से तनाव।
⚔️ “टू फ्रंट वॉर” की बात क्यों?
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर हाल के दिनों में लगातार सीमाओं का दौरा कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, मुनीर की सेना अब दो संभावित मोर्चों —
- अफगानिस्तान की पश्चिमी सीमा
- भारत की पूर्वी सीमा —
दोनों पर तैनाती और तैयारी को तेज़ कर रही है।
यह बयान इस ओर इशारा करता है कि पाकिस्तान अपने सुरक्षा ढांचे को दोहरी चुनौती से निपटने के लिए पुनर्गठित कर रहा है।
🧨 अफगान तालिबान से बढ़ते तनाव
पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच संबंध पिछले कुछ महीनों में बहुत खराब हुए हैं।
- तालिबान ने पाक सीमा चौकियों पर कई बार हमला किया।
- “फ्रेंडशिप गेट” को उड़ा दिया गया, जिससे व्यापार और आवागमन ठप हो गया।
- पाकिस्तान ने जवाब में हवाई हमले (air strikes) की चेतावनी दी।
इस संघर्ष के बीच पाकिस्तान का दावा है कि तालिबान को भारत की ओर से आर्थिक और तकनीकी मदद मिल रही है — हालांकि इस दावे का कोई ठोस सबूत सार्वजनिक रूप से पेश नहीं किया गया है।
🧩 पाकिस्तान में ‘हॉट टॉक’ — राजनीतिक हंगामा चरम पर
शहबाज शरीफ के बयान के बाद पाकिस्तान के अंदर जबरदस्त राजनीतिक हंगामा मचा हुआ है।
- विपक्षी नेताओं ने कहा कि यह बयान ध्यान भटकाने की चाल है।
- इमरान खान समर्थक गुटों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह सेना की नाकामियों को छिपाने के लिए भारत और तालिबान को दोष दे रही है।
- सोशल मीडिया पर “#TwoFrontWar” और “#HotTalkPakistan” ट्रेंड करने लगे।
🪖 सेना प्रमुख मुनीर की रणनीति
जनरल असीम मुनीर ने सेना की मीटिंग में कहा है कि
“पाकिस्तान की सुरक्षा किसी भी कीमत पर समझौता नहीं की जाएगी। अगर दुश्मन दो तरफ से हमला करता है, तो हम भी दो तरफ से जवाब देने को तैयार हैं।”
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान सेना ने सीमा इलाकों में क्विक रिस्पॉन्स यूनिट्स, ड्रोन निगरानी, और एयर पेट्रोलिंग बढ़ा दी है।
🧠 विश्लेषण: राजनीतिक बयान या सुरक्षा रणनीति?
विश्लेषकों का कहना है कि शहबाज शरीफ का बयान दो अर्थों में देखा जा सकता है:
| पहलू | विश्लेषण |
|---|---|
| राजनीतिक | पाकिस्तान में बढ़ती आर्थिक मंदी, आतंकवाद, और जनता के असंतोष के बीच यह बयान जनता को एक “बाहरी दुश्मन” की ओर मोड़ने की रणनीति भी हो सकती है। |
| सैन्य | अफगान तालिबान से तनाव व भारत के साथ सीमावर्ती गतिविधियाँ वास्तव में पाकिस्तान के लिए सुरक्षा चुनौती हैं, इसलिए सेना खुद को दोहरी तैयारी में रख रही है। |
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अब तक भारत ने शहबाज शरीफ के आरोपों पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अमेरिका और चीन दोनों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा कि “क्षेत्र में स्थिरता और संवाद की ज़रूरत है, आरोप-प्रत्यारोप नहीं।”
📉 पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति
इस पूरे घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है।
- महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है,
- डॉलर की कमी से आयात घटा है,
- और IMF की शर्तों ने जनता की कमर तोड़ रखी है।
ऐसे में “टू फ्रंट वॉर” जैसे बयान जनता का ध्यान वास्तविक समस्याओं से भटकाने का साधन भी बन सकते हैं।

🕊️ निष्कर्ष
शहबाज शरीफ का बयान पाकिस्तान के भीतर और बाहर दोनों जगह हलचल मचा गया है।
एक तरफ सेना प्रमुख असीम मुनीर दो मोर्चों की तैयारी में जुटे हैं, वहीं विपक्ष इसे “राजनीतिक नाटक” कह रहा है।
यह साफ है कि पाकिस्तान की सत्ता और सेना दोनों अब दबाव में हैं — चाहे वह अफगान सीमा की हिंसा हो या भारत के साथ कूटनीतिक तनाव।