दीवाली के बाद राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर ज़हरीली हो गई है। त्योहार की रौनक के बीच पटाखों का धुआं और पराली जलाने की घटनाओं ने वायु गुणवत्ता को बेहद खराब कर दिया है। दीवाली के दूसरे दिन, यानी बुधवार सुबह अक्षरधाम, आनंद विहार, और मयूर विहार जैसे इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 360 तक पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
🔴 दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का औसत AQI 340 से ऊपर दर्ज किया गया। राजधानी के कई हिस्सों में धुंध की मोटी परत छाई रही। दृश्यता में भी कमी आई, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों के धुएं, वाहनों के उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता में यह गिरावट आई है।
🌫️ अक्षरधाम, आनंद विहार और नरेला सबसे प्रदूषित क्षेत्र
अक्षरधाम इलाके में AQI 360, आनंद विहार में 370 और नरेला में 355 दर्ज किया गया। वहीं लोधी रोड और IGI एयरपोर्ट क्षेत्र में यह आंकड़ा 320 के करीब रहा। यह स्थिति ‘बहुत खराब’ श्रेणी में मानी जाती है और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
💬 विशेषज्ञों की राय
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि दीवाली के बाद हवा की गति कम होने और तापमान में गिरावट के चलते प्रदूषक तत्व जमीन के करीब जम जाते हैं। इस वजह से वायु गुणवत्ता तेजी से खराब होती है। डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में सांस के रोगियों, बुजुर्गों और बच्चों को खास सावधानी बरतनी चाहिए।
🚫 सरकार और प्रशासन की तैयारी
दिल्ली सरकार ने GRAP (Graded Response Action Plan) के तहत कई सख्त कदम उठाए हैं। निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल वाहनों की जांच और पानी का छिड़काव तेज़ किया गया है। स्कूलों में आउटडोर गतिविधियों को सीमित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
🌱 नागरिकों से अपील
सरकार और पर्यावरण विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करें, कचरा न जलाएं और प्रदूषण फैलाने वाले कार्यों से बचें। साथ ही घरों में एयर प्यूरीफायर और मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
📉 कब सुधरेगी हवा?
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 2-3 दिनों में हल्की उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने की संभावना है जिससे प्रदूषण के स्तर में थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि पूरी तरह सुधार में अभी समय लग सकता है।

निष्कर्ष:
दीवाली की खुशियों के बाद दिल्ली एक बार फिर धुएं की चादर में लिपटी नज़र आ रही है। अक्षरधाम जैसे इलाकों में AQI का 360 तक पहुंचना साफ दर्शाता है कि राजधानी में सांस लेना अभी भी मुश्किल है। प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार के साथ-साथ नागरिकों को भी जिम्मेदारी निभानी होगी।