पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पी. बी. बजंथ्री आज यानी 22 अक्टूबर 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। न्यायपालिका में अपने लंबे और उल्लेखनीय कार्यकाल के बाद वह आज अपनी न्यायिक सेवा से विदाई लेंगे।
⚖️ जस्टिस पी. बी. बजंथ्री का परिचय
जस्टिस पवन कुमार भीमप्पा बजंथ्री (P.B. Bajanthri) का जन्म 23 अक्टूबर 1963 को हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वकालत से की और बाद में न्यायिक सेवा में प्रवेश किया। वह 2013 में कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। उसके बाद उन्हें पटना उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की।
👨⚖️ कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में योगदान
जस्टिस बजंथ्री ने सितंबर 2025 में पटना हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाला था। अपने कार्यकाल में उन्होंने न्यायिक पारदर्शिता, त्वरित न्याय वितरण और प्रशासनिक सुधारों पर विशेष ध्यान दिया।
उन्होंने कई अहम जनहित याचिकाओं (PILs) पर सुनवाई करते हुए ऐसे फैसले दिए, जिनका सीधा असर आम जनता के जीवन पर पड़ा।
📜 न्यायिक कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियाँ
- सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और समान अवसरों पर कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए।
- न्यायालयों में डिजिटल प्रक्रिया और ऑनलाइन फाइलिंग प्रणाली को बढ़ावा दिया।
- पर्यावरण संरक्षण और नागरिक अधिकारों से जुड़े मामलों में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
- कोर्ट के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों के कल्याण से जुड़ी पहलें शुरू कीं।
🏛️ पटना हाईकोर्ट में विदाई समारोह
पटना हाईकोर्ट में आज जस्टिस पी. बी. बजंथ्री के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में न्यायाधीशों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों ने उन्हें उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।
सभी ने एकमत से कहा कि बजंथ्री न्यायमूर्ति का कार्यकाल निष्पक्षता और अनुशासन का प्रतीक रहा है।
🔰 आगे की प्रक्रिया
जस्टिस बजंथ्री की सेवानिवृत्ति के बाद पटना हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। जब तक नया नियुक्ति आदेश नहीं आता, तब तक वरिष्ठतम न्यायाधीश को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
💬 न्यायिक सेवा में मिसाल
जस्टिस पी. बी. बजंथ्री का न्यायिक करियर सादगी, ईमानदारी और निष्ठा का प्रतीक रहा है। उन्होंने हमेशा “न्याय में देरी, न्याय से इंकार” की नीति को ध्यान में रखकर कार्य किया। बिहार की न्यायपालिका में उनका योगदान लंबे समय तक याद किया जाएगा।

निष्कर्ष:
जस्टिस पी. बी. बजंथ्री का आज का सेवानिवृत्ति दिवस केवल एक औपचारिक विदाई नहीं, बल्कि न्यायिक ईमानदारी और निष्पक्षता की परंपरा को सम्मानित करने का दिन है। पटना हाईकोर्ट और बिहार न्यायपालिका में उनका योगदान हमेशा प्रेरणास्रोत रहेगा।