📰 69000 शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन आज, बसपा सुप्रीमो मायावती के आवास पर करेंगे धरना
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर आज एक बार फिर अभ्यर्थियों का गुस्सा सड़कों पर दिखने वाला है। लंबे समय से न्याय की मांग कर रहे अभ्यर्थी आज बसपा सुप्रीमो मायावती के आवास के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने अब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
🔍 भर्ती का विवाद
इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर शुरू से ही विवाद रहा है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि भर्ती में आरक्षण नीति और कटऑफ को लेकर अनियमितताएं की गईं।
- 2019 में जारी हुई इस भर्ती प्रक्रिया में कई चरणों में बदलाव हुए।
- आरक्षण के अनुपालन और चयन सूची में गड़बड़ी को लेकर कई बार हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गईं।
- अभ्यर्थियों का कहना है कि पात्र होने के बावजूद उन्हें चयन सूची में शामिल नहीं किया गया।
📍 आज का आंदोलन
- प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि अब वे शांतिपूर्ण धरना देकर अपनी बात बसपा सुप्रीमो मायावती तक पहुँचाना चाहते हैं।
- सुबह से ही अभ्यर्थी लखनऊ में एकत्र होने लगे हैं और दोपहर तक मायावती के माल एवेन्यू स्थित आवास पर पहुंचकर धरना देंगे।
- प्रदर्शन में सैकड़ों अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना है।
- अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं मिला तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
💬 अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें
- सभी चयनित अभ्यर्थियों को तत्काल नियुक्ति पत्र जारी किया जाए।
- आरक्षण नियमों के तहत भर्ती सूची को दोबारा प्रकाशित किया जाए।
- भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।
- जिन अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा पास की है, उन्हें प्राथमिकता दी जाए।
🗣️ राजनीतिक प्रतिक्रिया
बसपा प्रमुख मायावती पहले ही इस मामले में अभ्यर्थियों के समर्थन में बयान दे चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि “सरकार को योग्य अभ्यर्थियों के साथ न्याय करना चाहिए।”
वहीं, विपक्ष के अन्य दलों ने भी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से पूरा नहीं कर पाई।
⚖️ मामला न्यायालय में भी विचाराधीन
कई अभ्यर्थियों ने भर्ती में हुई गड़बड़ियों के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने सरकार से रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन अब तक अंतिम निर्णय नहीं आया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
🧭 निष्कर्ष
69000 शिक्षक भर्ती का यह विवाद अब केवल नियुक्ति का नहीं, बल्कि न्याय और पारदर्शिता की मांग का प्रतीक बन गया है। अभ्यर्थियों का संघर्ष लगातार जारी है और आज का धरना इस बात का संकेत है कि अब वे सियासी गलियारों में भी अपनी आवाज बुलंद करना चाहते हैं।