📰 छत्तीसगढ़: बीजापुर में नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की हत्या की, इलाके में फैला दहशत का माहौल
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले से एक बार फिर दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। सोमवार देर रात नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की बेरहमी से हत्या कर दी। यह वारदात बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र में हुई, जहां नक्सलियों ने ग्रामीणों को अगवा कर उनकी हत्या कर दी। इस घटना से पूरे इलाके में भय और तनाव का माहौल फैल गया है।
🔹 घटना का पूरा विवरण
सूत्रों के अनुसार, यह घटना बीजापुर के पामलवाड़ा और गोम्पाद गांवों के पास हुई। नक्सलियों ने रात के समय दो ग्रामीणों को घर से उठाया और पास के जंगल में ले जाकर हत्या कर दी। सुबह जब ग्रामीणों ने शव देखे तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस बल मौके पर पहुंचा और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नक्सलियों ने ग्रामीणों पर “पुलिस के मुखबिर होने” का आरोप लगाकर यह हत्या की।
🔹 पुलिस की प्रतिक्रिया
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक (SP) ने बताया कि “नक्सली अपनी पकड़ कमजोर होती देख अब आम ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं। यह घटना उनकी बर्बर मानसिकता को दर्शाती है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
पुलिस ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है और नक्सलियों की तलाश में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
🔹 स्थानीय लोगों में दहशत
इस घटना के बाद आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि नक्सली अब किसी पर भी शक करके जान लेने से पीछे नहीं हटते। कई परिवारों ने रात में गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन भी किया है।
🔹 राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। गृह मंत्री ने बयान जारी करते हुए कहा,
“नक्सली हिंसा से किसी भी निर्दोष नागरिक की जान लेना मानवता के खिलाफ अपराध है। सुरक्षा बलों को निर्देश दिए गए हैं कि इस घटना में शामिल नक्सलियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए।”
🔹 नक्सली गतिविधियों का इतिहास
बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले लंबे समय से नक्सली हिंसा से प्रभावित हैं। पिछले कुछ महीनों में सुरक्षा बलों की कई बड़ी कार्रवाई से नक्सलियों की गतिविधियों में कमी आई थी, लेकिन अब वे फिर से ग्रामीण इलाकों में भय का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
🔹 सरकार और सुरक्षा बलों की रणनीति
राज्य व केंद्र सरकार लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने पर जोर दे रही हैं ताकि नक्सलवाद की जड़ें कमजोर हों। वहीं, सुरक्षा एजेंसियां आधुनिक तकनीक और ड्रोन निगरानी से भी नक्सल गतिविधियों पर नजर रख रही हैं।

📍 निष्कर्ष
बीजापुर की यह घटना फिर याद दिलाती है कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर सुरक्षा और विकास दोनों मोर्चों पर कदम उठाने होंगे ताकि ग्रामीण इलाकों में स्थायी शांति कायम की जा सके।