भारत और चीन के बीच लगभग 5 साल से बंद प्रत्यक्ष हवाई संपर्क को पुनः शुरू करने की संभावना बढ़ गई है। दोनों देशों की सरकारें इस दिशा में सकारात्मक संकेत दे रही हैं। यह कदम पर्यटन, व्यापार, शिक्षा और पारिवारिक संबंधों को बढ़ावा देगा।
भारत-चीन के बीच प्रत्यक्ष उड़ानें बंद होने के कारण व्यापारिक और व्यक्तिगत यात्राओं पर काफी प्रभाव पड़ा। अब दोनों देशों की एयरलाइंस और विदेश मंत्रालय इस मुद्दे पर अंतिम चरण में हैं।
🟢 बंदी का इतिहास
- 2019-2020: भारत-चीन के बीच सीमा विवाद और कोरोना महामारी के कारण उड़ानें बंद।
- इसके बाद केवल इंडायरेक्ट फ्लाइट्स (थर्ड कंट्री के माध्यम से) ही उपलब्ध थीं।
- व्यापार और पर्यटन पर प्रत्यक्ष उड़ानों के न होने से यात्री समय और लागत दोनों में बढ़ोतरी हुई।
🔵 वर्तमान स्थिति
- भारतीय और चीनी अधिकारियों ने सांकेतिक समझौते पर चर्चा की।
- भारतीय एयरलाइंस जैसे इंडिगो और एयर इंडिया के अधिकारी चीन के प्रमुख शहरों के लिए मार्ग तैयार कर रहे हैं।
- प्रारंभिक चरण में कोलकाता-गुआंगझोउ और नई दिल्ली-बीजिंग जैसे प्रमुख मार्ग खोले जा सकते हैं।
🏙️ संभावित मार्ग और एयरलाइंस
| मार्ग | एयरलाइन | प्रारंभिक संभावना |
|---|---|---|
| कोलकाता – गुआंगझोउ | इंडिगो | अक्टूबर 2025 |
| दिल्ली – बीजिंग | एयर इंडिया | अक्टूबर 2025 |
| मुंबई – शंघाई | स्पाइसजेट (पर विचाराधीन) | नवम्बर 2025 |
| बेंगलुरु – चेंगडू | एयर इंडिया | नवम्बर 2025 |
🔶 लाभ
- व्यापारिक वृद्धि
- चीन और भारत के बीच वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बढ़ेगा।
- पर्यटन विकास
- दोनों देशों के नागरिक प्रत्यक्ष उड़ानों के माध्यम से आसानी से यात्रा कर सकेंगे।
- शैक्षिक और सांस्कृतिक संबंध
- छात्र और शिक्षाविद प्रत्यक्ष उड़ानों से आसानी से यात्रा कर सकेंगे।
- परिवारिक मिलन
- अलग-अलग देशों में रहने वाले परिवार प्रत्यक्ष उड़ानों से आसानी से मिल सकते हैं।
🔵 विशेषज्ञों की राय
- डॉ. अंशुल शर्मा, अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी विशेषज्ञ:
“प्रत्यक्ष उड़ानें भारत-चीन के बीच आर्थिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत करेंगी। यह दोनों देशों के व्यापार और पर्यटन के लिए सकारात्मक संकेत है।”
- ली हुआ, चीनी व्यापारिक प्रतिनिधि:
“दोनों देशों की सरकारें इस दिशा में तेजी से काम कर रही हैं। उम्मीद है कि अक्टूबर 2025 तक प्रत्यक्ष उड़ानें शुरू हो जाएंगी।”
🟢 चुनौतियाँ
- सीमा विवाद और राजनीतिक तनाव कभी-कभी विमानों के संचालन को प्रभावित कर सकते हैं।
- कोरोना और स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
- एयरलाइन और एयरपोर्ट दोनों को सुरक्षा और लॉजिस्टिक व्यवस्थाओं में सुधार करना होगा।

भारत-चीन के बीच प्रत्यक्ष उड़ानों की वापसी दोनों देशों के लिए लाभकारी होगी।
- व्यापार, पर्यटन, शिक्षा और पारिवारिक संबंधों में सुधार।
- यात्रियों के समय और लागत में कमी।
- भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक प्रभाव।
“प्रत्यक्ष उड़ानों की वापसी से दोनों देशों के बीच संपर्क और सहयोग का नया युग शुरू हो सकता है।”