📰 मेडागास्कर में तख्तापलट की कोशिश: राष्ट्रपति देश छोड़कर भागे, सेना ने संभाली कमान
🌍 परिचय
अफ्रीकी द्वीप राष्ट्र मेडागास्कर इन दिनों गंभीर राजनीतिक संकट से गुजर रहा है।
देश में बढ़ते जनविरोध, आर्थिक कठिनाइयों और सेना की बगावत ने हालात को इतना बिगाड़ दिया कि राष्ट्रपति आंद्रे रजोलेना (Andry Rajoelina) को देश छोड़ना पड़ा।
अब सेना की एक विद्रोही इकाई ने खुद को देश की अस्थायी कमान संभालने वाला घोषित कर दिया है।
⚡ कैसे शुरू हुआ संकट
पिछले कुछ महीनों से मेडागास्कर के लोग लगातार महंगाई, बेरोज़गारी, बिजली और पानी की कमी को लेकर सड़कों पर उतर रहे थे।
सरकार की नीतियों से नाराज़ जनता ने राजधानी अंतानानारिवो में बड़े प्रदर्शन किए।
युवा वर्ग ने सोशल मीडिया पर आंदोलन को तेज़ किया और धीरे-धीरे ये प्रदर्शन पूरे देश में फैल गए।
सरकार ने इन विरोधों को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों की सख़्ती से हालात और बिगड़ गए।
🪖 सेना में बगावत और तख्तापलट की कोशिश
रविवार को स्थिति तब विस्फोटक हो गई जब मेडागास्कर की एक प्रमुख सैन्य इकाई CAPSAT (Personnel and Services Administration Corps) ने सरकार के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया।
इस इकाई ने ऐलान किया कि अब देश की सुरक्षा और स्थिरता की जिम्मेदारी वही उठाएगी।
CAPSAT के अधिकारियों ने कहा कि यह “जनता की आवाज़ के साथ खड़ा होने” का फैसला है — न कि सत्ता हथियाने की कोशिश।
मगर राष्ट्रपति रजोलेना ने इसे “एक सैन्य तख्तापलट की साजिश” बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की।
✈️ राष्ट्रपति का देश छोड़ना
सोमवार सुबह मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि राष्ट्रपति रजोलेना देश से निकल चुके हैं।
कहा जा रहा है कि उन्होंने “अपनी जान के ख़तरे” की वजह से फ्रांसीसी विमान के जरिए देश छोड़ा।
हालाँकि उनके प्रवक्ता ने आधिकारिक रूप से इस्तीफे से इनकार किया और कहा कि राष्ट्रपति “सुरक्षित स्थान पर” हैं।
उनके जाने के बाद राजधानी में भारी तनाव फैल गया।
कई सरकारी इमारतों पर सेना ने कब्जा कर लिया और सड़कों पर सन्नाटा छा गया।
🩸 जनता और सुरक्षा बलों में टकराव
पिछले कुछ दिनों में हुए संघर्षों में 20 से अधिक लोगों की मौत और सैकड़ों घायल होने की खबर है।
दुकानें, बैंक और स्कूल बंद हैं।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह ठप हो चुकी है और ईंधन की भारी कमी है।
🌐 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अफ्रीकी संघ (African Union) ने इस पूरे घटनाक्रम को “लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला” बताया है।
संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने सभी पक्षों से संवाद और शांति बनाए रखने की अपील की है।
फ्रांस ने अपने नागरिकों को मेडागास्कर से निकलने की सलाह दी है, जबकि कई विदेशी दूतावास बंद कर दिए गए हैं।
🔍 अब आगे क्या?
मेडागास्कर फिलहाल एक अनिश्चित भविष्य की ओर बढ़ रहा है।
यदि राष्ट्रपति वापसी नहीं करते, तो देश में अस्थायी सैन्य सरकार बनने की संभावना है।
वहीं विद्रोही गुटों का कहना है कि वे “लोकतांत्रिक चुनाव” की दिशा में देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना न सिर्फ मेडागास्कर बल्कि पूरे अफ्रीकी क्षेत्र के लिए चेतावनी है —
जहाँ युवाओं की बेरोज़गारी, महंगाई और भ्रष्टाचार लंबे समय से विस्फोटक स्थिति में हैं।

📜 निष्कर्ष
मेडागास्कर में जो कुछ हुआ, वह यह दिखाता है कि जब जनता की आवाज़ को नज़रअंदाज़ किया जाता है और शासन में पारदर्शिता नहीं रहती,
तो असंतोष एक दिन विस्फोट में बदल जाता है।
अब दुनिया की नज़र इस छोटे से द्वीपीय देश पर है, जो यह तय करेगा कि क्या लोकतंत्र लौटेगा या एक नई सैन्य सरकार उभरेगी।