पाकिस्तान की सरकार ने देश के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (Tehreek-e-Labbaik Pakistan – TLP) पर औपचारिक रूप से प्रतिबंध (बैन) लगाने का ऐलान किया है। यह कदम तब उठाया गया जब TLP के समर्थकों ने देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन, सड़क जाम और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
सरकार ने इस संगठन पर आतंकवाद निरोधक कानून (Anti-Terrorism Act 1997) के तहत कार्रवाई करते हुए इसे गैर-कानूनी संगठन घोषित किया है।
📍 सरकार का बयान
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय (Interior Ministry) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है –
“तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने देश की शांति और कानून-व्यवस्था को गंभीर रूप से बाधित किया है।
संगठन के कार्यकर्ता हिंसा और नफरत फैलाने में शामिल पाए गए हैं।
इसलिए सरकार ने इसे प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है।”
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि अब इस संगठन की राजनीतिक गतिविधियाँ, फंडिंग और सार्वजनिक सभाएँ पूरी तरह अवैध मानी जाएँगी।
⚠️ क्यों लगाया गया बैन?
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान लंबे समय से धार्मिक मुद्दों पर विवादित रुख अपनाने के लिए जानी जाती है।
हाल ही में इस संगठन ने फ्रांस विरोधी अभियान और नबी मोहम्मद के अपमान के आरोपों को लेकर देशभर में उग्र प्रदर्शन किया।
इन प्रदर्शनों के दौरान —
- कई पुलिसकर्मी घायल हुए,
- वाहनों और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया,
- और देश के प्रमुख शहरों में आवागमन ठप हो गया।
सरकार ने पहले बातचीत की कोशिश की, लेकिन TLP नेताओं ने सरकारी आदेशों की अवहेलना की।
आखिरकार सरकार ने संगठन को आतंकी गतिविधियों में लिप्त मानते हुए प्रतिबंधित कर दिया।
🧩 तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) क्या है?
TLP की स्थापना 2015 में खादीम हुसैन रिजवी द्वारा की गई थी।
यह संगठन मुख्य रूप से ब्लासफेमी (ईशनिंदा कानून) के सख्त पालन और इस्लामी कानूनों की रक्षा की मांग को लेकर काम करता है।
2017 में इसने इस्लामाबाद में बड़ा आंदोलन किया था, जिसके बाद से इसे पाकिस्तान की राजनीति में खास पहचान मिली।
हालांकि, इसके बाद से यह संगठन हिंसक प्रदर्शनों और उकसावे वाले भाषणों के लिए बदनाम रहा है।
🧾 कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई
- पाकिस्तान सरकार ने TLP के बैंक खाते और संपत्तियों को फ्रीज करने का आदेश दिया है।
- संगठन के शीर्ष नेताओं को हिरासत में लिया गया है।
- सोशल मीडिया पर इसके ऑफिशियल अकाउंट्स और पेजों को ब्लॉक करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
- इसके अलावा, सरकार ने सभी प्रांतीय प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे इस संगठन से जुड़ी किसी भी राजनीतिक या सामाजिक गतिविधि की अनुमति न दें।
📉 राजनीतिक असर
TLP पाकिस्तान की राजनीति में धार्मिक वोट बैंक पर असर डालने वाली पार्टी रही है।
इस पर बैन लगने से देश के कट्टरपंथी गुटों में नाराज़गी बढ़ी है, जबकि आम जनता और विपक्षी दलों ने इसे कानून-व्यवस्था की दृष्टि से सही कदम बताया है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार,
“यह फैसला पाकिस्तान के लिए कठिन लेकिन ज़रूरी था,
क्योंकि धार्मिक उन्माद और हिंसा देश की स्थिरता के लिए खतरा बन रहे थे।”
🧭 आगे क्या होगा?
अब मामला पाकिस्तान की केंद्रीय कैबिनेट और सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा के लिए जाएगा।
यदि अदालत ने भी इस प्रतिबंध को बरकरार रखा,
तो TLP का रजिस्ट्रेशन रद्द हो जाएगा और संगठन के नेताओं पर देशद्रोह, हिंसा और आतंक फैलाने के गंभीर मुकदमे चलेंगे।

✅ निष्कर्ष
पाकिस्तान सरकार का यह निर्णय देश में बढ़ती धार्मिक हिंसा और अस्थिरता को रोकने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पर लगा यह बैन न केवल कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ एक संदेश है,
बल्कि यह दिखाता है कि सरकार अब कानून-व्यवस्था और शांति के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगी।